इलेक्ट्रोफिलिक एरोमेटिक प्रतिस्थापन में O/P Ratio
इलेक्ट्रोफिलिक एरोमेटिक प्रतिस्थापन में O/P Ratio.मोनो प्रतिस्थापित बेंजीन में इलेक्ट्रोफिलिक एरोमेटिक प्रतिस्थापन में। बेंजीन रिंग पर पहले से मौजूद समूह आगामी इलेक्ट्रोफाइल (निर्देशक प्रभाव) की स्थिति और प्रतिक्रिया की दर भी तय करता है। (सक्रिय-निष्क्रिय प्रभाव).
विभिन्न पदार्थों के आधार पर तीन वर्गों में विभाजित किया जा सकता है।
ऑर्थो पैरा निर्देशन और सक्रिय समूह
ऑर्थो पैरा निर्देशन और निष्क्रिय समूह
मेटा निर्देशन और निष्क्रिय करने वाला समूह
इलेक्ट्रोफिलिक एरोमेटिक प्रतिस्थापन में O/P Ratio
को हम Electrophilic एरोमेटिक Substitution Reaction के अन्दर स्टडी करेंगे.यदि आपसे कहा जाये की जब किसी एरोमेटिक Compound में Substitution Reaction Electrophile की हेल्प से कराई जाये तो जो प्रोडक्ट प्राप्त होता हैं उसी के Bases पर O/P Ratio Define होता हैं.इसे इस उदाहरण से समझते हैं:-

जब किसी Electrophile के द्वारा प्रतिस्थापन अभिक्रिया होती है तो चित्र के अनुसार दो ओर्थो पोजीशन (Ortho के अपोजिट Ortho), दो मेटा पोजीशन (मेटा के अपोजिट मेटा ),एक पैरा पोजीशन और एक ipso पोजीशन बनती हैं.
Electrophile के द्वारा प्रतिस्थापन अभिक्रिया में चित्र में दिया अनुसार 6 position observe कर सकते हैं.लेकिन एक्चुअल प्रतिस्थापन अभिक्रिया में मेजर प्रोडक्ट बनते हैं. दो ओर्थो के और एक पैरा का प्रोडक्ट बनता हैं.इस प्रकार से :-
ओर्थो पैरा रेश्यो की परिभाषा :-
किसी एरोमेटिक compound में इलेक्ट्रो फाइल के द्वारा प्रतिस्थापन अभिक्रिया के दौरान बनने वाले ओर्थो पैरा प्रोडक्ट के अनुपात को o/p ratio कहते हैं. देखने में यह एक सिंपल अभिक्रिया हैं लेकिन इसमें कई फैक्टर अभिक्रिया को इफ़ेक्ट करते हैं.
उपर चित्र के अनुसार इसका 2/1 ratio आता हैं. लेकिन जब किसी एरोमेटिक Compound में कोई ग्रुप ऐड होता हैं तो उसके प्रतिस्थापन से ये ratio नहीं आता हैं.
ऐसा इस लिए होता हैं क्योंकि यहाँ पर कुछ फैक्टर काम करते हैं. जैसे substituent का स्टेरिक Hindrance इफ़ेक्ट,पोलर इफ़ेक्ट (inductive effect,अनुनाद ) और साल्वेंट इफ़ेक्ट ,temperature आदि.
इलेक्ट्रोफिलिक एरोमेटिक प्रतिस्थापन में O/P Ratio
ये सारे फैक्टर o/p ratio को इफ़ेक्ट करता हैं इसको समझने से पहले हमें कुछ इफ़ेक्ट को समझना जरुरी हैं. जो इस प्रकार से हैं:-
अभी तक हमने बेंजीन पर एल्क्ट्रोफिलिक प्रतिस्थापन अभिक्रिया को देखा लेकिन यदि बेंजीन पर कोई ग्रुप जुड़ा हो तब Electrophilic एरोमेटिक Substitution Reaction में electrophile बेंजीन की किस पोजीशन पर जुड़ेगा यह बेंजीन पर लगा ग्रुप decide करेगा. उदाहरण के लिए :-
ऑर्थो पैरा निर्देशन और सक्रिय समूह
O,NR2,NHR,NH2,OH,OR,NHCOR,OCOR,SR,ALKYL AND ARYL
ये सारे ग्रुप में से कोई भी ग्रुप किसी बेंजीन से जुड़ा रहता हैं तो यह बेंजीन रिंग को ELCTRON रिच कर देता हैं,जिससे Electrophilic एरोमेटिक Substitution Reaction आसानी से हो जाती हैं.
इस ग्रुप का बिहेवियर इलेक्ट्रान को रिलीव करने का होता हैं.इसलिए इसे रीलिविंग ग्रुप भी कहते हैं.यह ग्रुप बेंजीन के ओर्थो और पैरा पोजीशन पर ELCTRON घनत्व को बड़ा देता हैं. चूँकि E+(electrophile) ELCTRON deficient ग्रुप होता हैं इसे electron need होती हैं इसलिए यह E+(electrophile) बेंजीन रिंग पर जहाँ इलेक्ट्रान डेंसिटी ज्यादा होती हैं वहाँ ऐड हो जाता हैं.
चित्र देखें:-

चित्र से स्पस्ट हैं कि एमिनो ग्रुप इलेक्ट्रान को बेंजीन रिंग की ओर फारवर्ड कर रहा हैं जिससे बेंजीन के ओर्थो एंड पैरा पोजीशन पर इलेक्ट्रान डेंसिटी बड जाती हैं.और रिंग electron रिच हो रही हैं. जिसकी वजह से इलेक्ट्रोफिलिक एरोमेटिक प्रतिस्थापन reaction आसानी से होती हैं.
ऑर्थो पैरा निर्देशन और निष्क्रिय समूह
मेटा निर्देशन और निष्क्रिय करने वाला समूह